सत्ता की हनक के आगे बेबस पीड़िता के परिजन दुष्कर्म पीड़िता बेटी मांगे इंसाफ़
पीड़िता ब्लाक प्रमुख व पुलिस पर लगा रही दबाव बनाने का आरोप
दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य का कथन दोषी होने पर दे दी जाय फांसी
आरोपी प्रधानाचार्य की भाषा दिला रही दुष्कर्म के आरोपी पूर्व बसपा विधायक पी एन द्विवेदी की याद
अपने को निर्दोष साबित करने के लिए दुष्कर्म के आरोपी पूर्व बसपा विधायक पी एन द्विवेदी ने ख़ुद को बताया था नपुंसक
चित्रकूट मानिकपुर थाना क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित कालेज में नाबालिग युवती के साथ हुए गैंगरेप मामले में हर दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं जिसके कारण पुलिस मुख्य आरोपियों तक अभी नहीं पा रही है
पीड़िता ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ब्लाक प्रमुख व पुलिस दबाव बनाकर बयान दर्ज करवा रही है व दोषी प्रधानाचार्य को बचाने का प्रयास कर रही है पीड़िता ने पुलिस प्रशासन पर यह आरोप लगाते हुए कहा कि माननीय न्यायालय में दिए गए बयान में प्रधानाचार्य के नाम का खुलासा किया गया था लेकिन पुलिस ने अभी तक प्रधानाचार्य को गिरफ्तार नहीं किया है जबकि अन्य चार लोगों को जेल भेज दिया है
वहीं पीड़िता के परिजनों व पीड़िता पर सत्ताधारी दल के रसूखदार सफेदपोश नेताओं द्वारा दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी न हो सके
वहीं दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य ने उप जिलाधिकारी महोदय को ज्ञापन सौंपकर यह साबित करने का प्रयास किया है कि वह निर्दोष है प्रधानाचार्य ने यह तक कह डाला कि मेरा नार्को टेस्ट करा लिया जाय और अगर दोषी ठहराया जाता हूं तो मुझे फांसी दे दी जाए
दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य के बयान ने एक बार फिर मामले को दो राहे पर खड़ा कर दिया है और पुलिस प्रशासन को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि दुष्कर्म पीड़िता द्वारा लगाए जा रहे आरोप सही है या फ़िर प्रधानाचार्य के दावों में सच्चाई नजर आ रही है
हकीकत चाहे जो भी हो लेकिन मानिकपुर के कालेज में नाबालिग छात्रा से हुए दुष्कर्म मामले में आरोपियों द्वारा दिए जा रहे बयान पुलिस की जांच को भटकाने का काम कर रहे है व इस दुष्कर्म मामले ने नरैनी के पूर्व बसपा विधायक पी एन द्विवेदी के दुष्कर्म मामले की यादें ताजा कर दिया है
नरैनी के बहुचर्चित दुष्कर्म कांड के आरोपी पूर्व बसपा विधायक पी एन द्विवेदी ने दुष्कर्म के आरोप से बचने के लिए व अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए ख़ुद को नपुंसक तक घोषित कर दिया था लेकिन इसके बाद भी जांच में पूर्व विधायक को दोषी पाया गया था व माननीय न्यायालय दोष सिद्ध हुआ था जिसमें सजा सुनाई गई थी और जेल भेज दिया था
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने रखने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन सत्ताधारी दल के स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सफेदपोश नेताओं द्वारा पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों पर दबाव बनाकर दुष्कर्म जैसे मामले के आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जिससे सरकार की छवि धूमिल होती दिखाई दे रही है इन नेताओं की मनमानी के चलते पुलिस प्रशासन सही तरीके से जांच नहीं कर पा रही है जिसके कारण दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य अपने आप को निर्दोष होने का दावा करते हुए नजर आ रहे हैं वहीं पीड़िता इंसाफ़ पाने के लिए अपने साथ हुए दुष्कर्म के आरोपियों के ऊपर कार्यवाही होने का इंतजार कर रही है
अब देखना यह है कि दुष्कर्म के आरोपी प्रधानाचार्य को पुलिस प्रशासन सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगा या फ़िर यह रसूखदार सफेदपोश नेता व जनप्रतिनिधि आरोपी प्रधानाचार्य को बचाने में कामयाब हो जायेंगे यह एक बड़ा सवाल है